लखनऊ: आज के समय में विभिन्न सरकारों के द्वारा जनता के साथ संवाद स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि शासन को ज़्यादा से ज़्यादा लोक कल्याणकारी बनाया जा सके। आम जनता की कई ऐसी समस्याएँ होती हैं, जिनका यदि समय रहते समाधान नहीं किया जाए तो ये समस्याएँ कब व्यापक जन असंतोष में बदल जाती है – इसका पता नहीं चल पाता है।
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा पिछले साल जनता की समस्याओं के समाधान के लिए सीएम हेल्पलाइन के रूप में एक सकारात्मक पहल की गई थी। इसके जरिये प्रदेश के निवासी अपनी समस्याओं या शिकायतों से शासन-प्रशासन को अवगत करा कर, उनका निदान प्राप्त सकते हैं। सीएम हेल्पलाइन का नंबर 1076 है, ये एक टोल फ्री नंबर है।
इस सेवा के शुरू होने से शिकायतकर्ता अब घर बैठे ही प्रदेश में कहीं से भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस कॉल सेंटर की खासियत यह भी है कि इससे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को भी जोड़ा गया है। सीएम हेल्पलाइन में शिकायतकर्ता की फीडबैक के आधार पर समस्या के संपूर्ण निदान पर जोर दिया जाता है।
सीएम हेल्पलाइन के जरिये शिकायत दर्ज होने के एक हफ्ते के अंदर संबन्धित विभाग के अधिकारी को शिकायतों का निपटारा करना होता है। अगर संबन्धित विभाग ने शिकायत की दिशा में कार्रवाई नही की तो मामला उच्च अधिकारी के पास भेजा जाता है। साथ ही अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभाने वाले अधिकारी के विरुद्ध भी तय रूप से कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है।
सीएम हेल्पलाइन के जरिये सातों दिन 24 घंटे लोगों की शिकायतों को दर्ज किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति सीएम हेल्पलाइन में झूठी कॉल करता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाती है। आपको बता दें कि यहाँ दर्ज सभी शिकायतों की मासिक समीक्षा खुद मुख्यमंत्री के द्वारा की जाती है। यही नहीं, यदि किसी विभाग से संबन्धित 100 से ज्यादा शिकायतें प्राप्त होती हैं तो उस विभाग पर भी कार्रवाई करने का प्रावधान है।