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उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को एक हफ्ते में संपन्न करने का दिया आदेश

लखनऊ: प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लंबित मामले में ठोस प्रगति देखने को मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाई कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होने कहा है कि, “कोर्ट के निर्णय के क्रम में एक सप्ताह के भीतर शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया सुनिश्चित कराएँ। कोर्ट के निर्णय से शिक्षकों की भर्ती का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इससे प्रदेश के विद्यालयों को योग्य शिक्षक मिलेंगे। कोर्ट के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षक भर्ती के प्रकरण में राज्य सरकार का पक्ष और रणनीति सही थी।”

गौरतलब है कि प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती होनी है। बुधवार को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शिक्षकों की भर्ती को 60-65 प्रतिशत अंकों के आधार पर तीन महीने के अंदर संपन्न करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश को कानूनी लड़ाई लड़ रहे अभ्यर्थी एक संतोषजनक फैसला मान रहे हैं। उनकी मांग थी कि शिक्षकों की यह भर्ती हाई मेरिट के आधार पर की जाए।

बता दें कि शिक्षक भर्ती के लिए 01 दिसम्बर 2018 को विज्ञापन जारी किया गया था। इसके लिए कुल 4,30,000 अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन किया गया था, जिसमें से 3,86,00 अभ्यर्थी परीक्षा में उपस्थित हुए थे।

इसके बाद 6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा आयोजित की गयी थी। परीक्षा के बाद दिनाँक 7 जनवरी 2019 को शासनादेश द्वारा सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा हेतु न्यूनतम उत्तीर्णांक घोषित किया गया, जिसमें सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के संबंध में उत्तीर्णांक 65% अर्थात 97/150 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति हेतु उत्तीर्णांक 60% अर्थात 90/150 निर्धारित किया गया। न्यूनतम उत्तीर्णांक घोषित किए जाने से परेशान होकर शिक्षा मित्रों द्वारा उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में याचिका दायर की गई।

आगे चल कर दिनाँक 7 जनवरी 2019 को शासनादेश को नियमानुसार मानते हुए 60 एवं 65% न्यूनतम उत्तीर्णांक के आधार पर परीक्षा फल घोषित किए जाने का आदेश दिया गया।

शिक्षक भर्ती के मामले में मुख्यमंत्री के आदेश के बाद यह खबर मिल रही है कि लिखित परीक्षा के अंतिम परिणाम घोषित करने के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि एक हफ्ते बाद परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।

हाई कोर्ट के आदेश की प्रमाणित प्रति मिलने के बाद वह शासन को भेजी जाएगी। शासन उसके कानूनी पहलुओं का अध्ययन करने के लिए न्याय विभाग को देगा। न्याय विभाग की सलाह मिलने पर शासन परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को आवश्यक निर्देश देगा। उसके दो-तीन दिन बाद परिणाम जारी कर दिया जाएगा।

आपको बता दें कि पहले अंतिम उत्तरकुंजी जारी होगी और इसके बाद अगले दिन परिणाम घोषित होगा।

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