कृषि पिटारा

उत्तर प्रदेश: 26 लाख किसानों ने नहीं चुकाया अपना कर्ज, सरकार ने कहा – इसबार नहीं होगी ऋण माफी

लखनऊ: जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा असर कृषि पर देखा जा रहा है। मौसम की मार के चलते किसानों को खेती से लाभ नहीं मिल पा रहा है। एक आँकड़े के अनुसार उत्तर प्रदेश के 26,35,749 किसान अपना कर्ज नहीं चुका पाए हैं। इन किसानों को 31 मार्च 2023 तक 35,691 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना था। बैंकों ने यह रकम अब एनपीए (नेशनल पेंशन सिस्टम) में डाल दी है। अभी भी उत्तर प्रदेश में डेढ़ करोड़ से ज्यादा किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड मौजूद है, जिनको अब तक 1,45,083 करोड़ रुपए का ऋण जारी किया गया है। अगर इस बार भी मौसम ने साथ नहीं दिया तो बैंकों का पैसा फँसना तय है। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बैंकों से साफ कहा है कि वे किसानों से अपने पैसे की वसूली करें।

देश में बीते दो-तीन वर्षों में जलवायु परिवर्तन के चलते कभी बाढ़ तो कभी सूखा पढ़ रहा है। ऐसे में देश के अन्नदाता सबसे ज्यादा बेहाल हैं। मौसम की मार के चलते खेती फायदे का नहीं बल्कि नुकसान का सौदा बनती जा रही है। उत्तर प्रदेश में सरकार ने भले ही किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा 7 फीसदी वार्षिक ब्याज पर दी है, इसके लिए उनको प्रोत्साहन भी दिया गया है, लेकिन हालात यह है कि किसान अपना कर्ज समय से नहीं चुका पा रहे हैं। इसके चलते अब तक बैंकों की 35,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम फँस चुकी है।

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022-23 में बड़े वाणिज्यिक बैंकों द्वारा 36,32,276 किसान क्रेडिट कार्ड बांटे गए हैं, जिनके माध्यम से 51,901 करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है। इसके अलावा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के द्वारा 42,57,999 केसीसी और ऋण जारी किए गए हैं। कॉपरेटिव बैंक के द्वारा 2,26,131 किसानों को कार्ड बांटे गए हैं, जिनके माध्यम से 14,53 करोड़ का ऋण जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बैंकों को साफ कहा है कि किसान सोच रहे हैं कि उनका ऋण माफ हो जाएगा, इसलिए वे पैसे नहीं चुका रहे हैं। उन्होंने बैंकों से कहा है कि जिन किसानों ने ऋण नहीं चुकाया है, उनसे तकादा करें। इस बार ऋण माफ नहीं होगा।

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