लखनऊ: उत्तर प्रदेश ने अंतरदेशीय मछली पालन (मैदानी क्षेत्र) के मामले में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। यह जानकारी मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने शनिवार को लोकभवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी। मंत्री ने बताया कि योगी सरकार ने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। इन योजनाओं के तहत मत्स्य पालन में काफी वृद्धि हुई है। पिछले साल जहां प्रदेश में मत्स्य उत्पादन 8.09 लाख मीट्रिक टन था, वहीं इस साल अब तक विभाग ने 9.15 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन किया है। इसी तरह मत्स्य बीज उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले साल जहां 27,128 लाख मीट्रिक टन मत्स्य बीज उत्पादन था, वहीं इस बार अब तक 36,187 लाख मीट्रिक टन है।
प्रदेश में वर्तमान में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 31 परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं के तहत अब तक 15282.5 लाख रुपये की धनराशि लाभार्थियों को वितरित की जा चुकी है। प्रदेश में इस अब तक 1,16,159 मत्स्य पालकों को मछुआ दुर्घटना बीमा योजना का लाभ दिया जा चुका है। योजना के तहत हादसे में अपनी जान गंवाने वाले मत्स्य पालकों को 5 लाख, दिव्यांग होने पर 2.5 लाख और घायल होने पर 25 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। पहले जहां प्रदेश के 12 जनपदों की नदियों में रैंचिंग की जाती थी, वहीं वर्तमान में 68 जनपदों की नदियों में रैंचिंग की जा रही है।
योगी सरकार ने इस साल अब तक 14,021 मत्स्य पालकों के 10772.77 लाख के बैंक कर्ज स्वीकृत किए हैं। विभाग की ओर से 1500 से अधिक मत्स्य पालकों को मत्स्य पालन में प्रशिक्षण दिया गया है। मंत्री ने कहा कि योगी सरकार मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की योजना है कि प्रदेश को मत्स्य पालन का हब बनाया जाए।