लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने गौ-संवर्धन एवं दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए नंद बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत कई योजनाओं को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना एवं नंदनी कृषक समृद्धि योजना के तहत पशुपालन विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। स्वदेशी गौ संवर्धन योजना के अंतर्गत, उत्तर प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को उन्नत नस्ल की स्वदेशी गायों जैसे गीर, साहीवाल, थारपारकर और हरियाणा प्रजातियों की खरीदारी पर अधिकतम 40 हजार रुपए का अनुदान प्रदान किया जाएगा। एक दुग्ध उत्पादक अधिकतम 2 गायों की पशुपालन इकाई के लिए पात्र होगा।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना के तहत गीर, साहीवाल, थारपारकर, हरियाणा और गंगातीरी जैसे स्वदेशी नस्ल के प्रगतिशील गौ-पालकों को निर्धारित लैब के मानक के अनुसार 10 से 15,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इससे पशुपालन में उन्नति होगी और दुग्ध उत्पादकों के गौ-वंशीय पशुओं की नस्ल सुधार होगा। नंदनी कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत, गौ-वंशीय पशुओं में नस्ल सुधार और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 25 गायों की डेयरी स्थापित करने पर प्रति इकाई 31.25 लाख रुपए का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बताया कि प्रदेश में दुग्ध सेक्टर में नवीन उद्योगों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। यहां के ग्रामीण क्षेत्र में दुग्ध व्यवसाय किसानों के अतिरिक्त आय का एक प्रमुख साधन है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 1000 करोड़ रुपए की लागत से नंद बाबा दुग्ध मिशन की शुरुआत की गई है। इस मिशन के अंतर्गत, दुग्ध सहकारी समितियों द्वारा दुग्ध उत्पादकों को गांव में ही उनके दूध को उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, मिशन समिति में दान देने वाले व्यक्तियों को आयकर में 80G के तहत छूट प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के दुग्ध आयुक्त और मिशन निदेशक शशिभूषण लाल सुशील ने बताया कि नंदबाबा दुग्ध मिशन से नई श्वेत क्रांति की उम्मीद है। इस मिशन के माध्यम से ‘गौ से ग्राहक तक दुग्ध मूल्य श्रृंखला’ में संवर्धन करके नवीन श्वेत क्रांति को लाया जाएगा। नंदिनी कृषक समृद्धि योजना द्वारा गौ-पालकों को 25 स्वदेशी उन्नति लाभ देने से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी और सरकार की योजनाएं सफलता की ऊंचाइयों को छुएगी। नंद बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत कई गांवों के किसानों को संवर्धित विकास का मौका मिलेगा और राज्य को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बनाए रखने का लक्ष्य पूर्ण होगा।