लखनऊ: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए सरकार की ओर से एक अच्छी खबर है। दरअसल, अब प्रदेश के किसान ड्रोन के जरिए कीटनाशकों और नैनो यूरिया का छिड़काव कर सकते हैं। जी हाँ, राज्य सरकार ने कृषि समितियों और स्वयं सहायता समूहों को सब्सिडी पर ड्रोन देने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार ने योजना तैयार कर ली है। उम्मीद है कि आने वाले समय में राज्य सरकार के इस फैसले से किसानों को काफी फायदा होगा। सरकार की योजना के मुताबिक कृषि समितियों और स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन पर 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। कृषि समितियां और स्वयं सहायता समूह किसानों को ड्रोन उपलब्ध कराएंगे। अब तक मिल रही जानकारी के अनुसार पहले चरण में प्रदेश के 75 प्रतिशत जिलों में योजना का विस्तार किया जाएगा।
कृषि विभाग के उप निदेशक गिरीश चंद्र के अनुसार, उत्तर प्रदेश को 88 ड्रोन मिलेंगे। इनकी सहायता से किसानों को कीटनाशक के साथ- साथ खाद के छिड़काव में मदद मिलेगी। एक ड्रोन एक बार में 12 किलोग्राम तक नैनो यूरिया या कीटनाशक का छिड़काव कर सकता है। खास बात यह है इससे महज 10 मिनट में ही 8 बीधे खेत में उर्वरक का छिड़काव किया जा सकता है। इससे खेती पर लगने वाली लागत के साथ- साथ समय की भी बचत होगी। गौरतलब है कि पिछले साल बिजनौर के मंडावली गांव में किसानों ने नैनो यूरिया का गन्ने खेत में ड्रोन से छिड़काव कर परीक्षण किया था।
आपको बता दें कि फसल शुष्क नाइट्रोन खाद का केवल 33 प्रतिशत ही अवशोषित कर पाती है। जबकि तरल होने की वजह से पौधे नैनो यूरिया को 86% अवशोषित कर लेते हैं। कहा जा रहा है कि ड्रोन के इस्तेमाल से खेती में आने वाली में कमी आएगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक जेपी चौधरी का कहना है कि एक ड्रोन की कीमत 10 लाख रुपये है। 40 प्रतिशत सब्सिडी के बाद उसकी कीमत 6 लाख रुपए हो जाएगी। ऐसे में कृषि समितियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा इसे खरीदना आसान हो जाएगा।