लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पराली जलने वाले किसानों के विरुद्ध सख्ती बरतने का मन बना लिया है। दरअसल, अब जो भी किसान पारली जलाते हुए पकड़े जाएंगे उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा। इस संबंध में कृषि विभाग द्वारा चेतावनी जारी कर दी गई है। इसी बीच प्रदेश सरकार की सख्ती की बानगी देवरिया जनपद में देखने को मिल रही है। खबर है कि देवरिया में पराली जलाने वाले 9 किसानों के खिलाफ कृषि विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने उन किसानों को नोटिस जारी किया है, जो मौके पर पराली जलाते हुए पकड़े गए थे। कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने पूरे घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा कि पराली जालने की घटना में कमी लाने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि यह उन किसानों के लिए सिर्फ एक चेतावनी है, जो राज्य सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं।
अभी हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए जिलेवार शिविर लगाने को कहा था। यही वजह है कि विभाग राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए सख्त कार्रवाई कर रहा है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक आरके सिंह ने कहा कि हालांकि पहले के अपेक्षा स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी सुधार की गुंजाइश है।
देवरिया की घटना पर कृषि विभाग की कार्रवाई के संदर्भ में विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों का अनुदान रोकने की धमकी; योजना के तहत पंजीकृत लगभग 2.83 करोड़ किसानों को डराने के लिए बाध्य करना है। हालांकि, राज्य सरकार को किसानों को केंद्रीय अनुदान रोकने की अनुमति देने का कोई प्रावधान नहीं है। जबकि अधिकारियों का कहना है कि यह उपाय प्रतिष्ठित केंद्रीय योजना के प्रति किसानों को सावधान करेगा।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश कृषि अवशेष के मामले में 40 मीट्रिक टन के साथ पहले स्थान पर है। इसके बाद महाराष्ट्र 31 मीट्रिक टन के साथ दूसरे और पंजाब 28 मीट्रिक टन के साथ तीसरे स्थान पर हैं। पिछले साल ही राज्य के कृषि विभाग ने कृषि अवशेषों के निपटान के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में आवारा पशुओं को पराली खिलाने की वकालत की थी। इसके लिएउत्तर प्रदेश सरकार ने आवारा पशुओं के आश्रय गृहों में पराली के परिवहन के लिए वित्त पोषण का भी प्रस्ताव किया था।