लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रदेश में 11 जुलाई से 25 अगस्त तक एक अभियान शुरू किया है, जिसके दौरान सभी गोचर भूमि (पास्तर लैंड) को कब्जा मुक्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि मुक्त हुई भूमि पर पशुओं के लिए हरा चारा उगाने की व्यवस्था की जाए। यह उत्तर प्रदेश में निराश्रित गोवंश की संख्या को कम करने और उनके लिए चारे की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। मंत्री ने गोचर भूमि पर नेपियर घास को बोने के लिए भी प्राथमिकता दी है।
इसके साथ ही 13, 14, 15 जुलाई को उन्होंने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को निराश्रय गौ-संरक्षण स्थलों की जांच करने और आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं। मंत्री ने अधिकारियों को गांव आश्रय स्थलों के लिए टीन सेड, चारा भूसा, पानी, प्रकाश और बाढ़ की आशंका के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। बारिश के दौरान गो-आश्रय स्थलों पर गोवंश को भीगने से बचाने के लिए टीन सेड की व्यवस्था को बल मिला है। उन्होंने अधिकारियों से गोवंश को क्षेत्रों और सड़कों पर विचरण करने से रोकने के लिए गो-आश्रय स्थलों पर पहुंचाने के लिए शीघ्र कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।
निराश्रित गोवंश की संख्या की बढ़त के कारण उत्तर प्रदेश में दिन-प्रतिदिन सड़कों पर हादसे हो रहे हैं। इसके साथ ही, निराश्रित गोवंश के कारण किसानों को भी काफी नुकसान हो रहा है। रबी सीजन के दौरान गेहूं और दलहन की फसलों को निराश्रित गोवंश ने काफी नुकसान पहुंचाया है, जिससे कई फसलों के उत्पादन में भी कमी आई है। मंत्री ने अधिकारियों को जल्द से जल्द निराश्रित गोवंश को आश्रय स्थलों में पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। अभियान के तहत अब तक 68 नवीन गो-आश्रय स्थलों में 37,497 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। पूरे प्रदेश में 6,781 गो-आश्रय स्थलों पर 1,16,88,875 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। इसके साथ ही, अब तक 58 लाख क्विंटल भूसा भी गोवंश के लिए संग्रहित किया गया है।