लखनऊ: कृषि या इससे संबंधित विषयों में स्नात्तक एवं स्नात्तकोत्तर की डिग्री हासिल कर चुके विद्यार्थियों के दिन जल्द ही बदलने वाले हैं। प्रदेश सरकार राज्य में 1100 एग्री जंक्शन केंद्र खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी देने जा रही है। इससे कृषि या इससे जुड़े विषयों में बीएससी या एमएससी करने वाले छात्रों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। जहाँ तक बात है प्रदेश सरकार की इस योजना की प्रगति की तो कृषि विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को एक उच्चस्तरीय समिति की ओर से मंजूरी मिल गयी है। अब जैसे ही कैबिनेट से इस योजना के लिए स्वीकृति मिलती है, एग्री जंक्शन केंद्र खोलने की शुरुआत कर दी जाएगी।
कुल 1100 एग्री जंक्शन केन्द्रों में से आधे से अधिक यानी, 615 एग्री जंक्शन केवल पूर्वांचल के जिलों में खुलेंगे। शेष 315 पश्चिमी उत्तर प्रदेश में और 80 एग्री जंक्शन केंद्र बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्र में खुलेंगे। करीब चार साल पहले शुरू की गई इस योजना के तहत प्रदेश में अब तक 3862 एग्री जंक्शन खुल चुके हैं। इनके माध्यम से बेरोजगार कृषि स्नातक अपना स्वयं का रोजगार स्थापित कर चुके हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अभिनव स्टार्टअप योजना के तहत शुरू किए गए एग्री जंक्शन योजना के जरिये कई युवा उद्यमियों का व्यवसाय 25 लाख रुपए से लेकर 5 करोड़ रुपए तक जा पहुँचा है। इससे एक फायदा यह हुआ है कि इन युवा उद्यमियों से प्रेरणा लेकर प्रदेश के युवाओं का उद्यमशीलता की ओर काफी रुझान बढ़ा है। दूसरा, कई अन्य लोगों को भी एग्री जंक्शन योजना के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है।
बताते चलें कि एग्री जंक्शन योजना के लिए कुल 4 लाख रुपये की लागत निर्धारित की गई है। इसमें 3.50 लाख रुपए की राशि बतौर ऋण व 50 हजार रुपए की राशि मार्जिन मनी के रूप में दी जाती है। इस योजना में चयनित युवाओं को ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से 12 दिन का प्रशिक्षण भी दिलाया जाता है। प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद उन्हें कृषि विभाग की ओर से एग्री जंक्शन केंद्र खोलने के लिए हर महीने 1000 रुपये की दर से 12000 रुपये सालाना का अनुदान दिया जाता है। विभाग की ओर से ही उन्हें खाद, बीज व कीटनाशक की बिक्री के लिए जारी होने वाले लाइसेंस का एक साल का शुल्क दिया जाता है। यही नहीं, विभाग 3.50 लाख रुपये के ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से 3 वर्षों के ब्याज (42000 रुपये) का भी भुगतान करता है।