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उत्तर प्रदेश: ओडीओपी स्कीम के जरिये बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, स्थानीय कला-शिल्प का भी होगा विस्तार

‘एक जनपद-एक उत्पाद’ या ओडीओपी स्कीम उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना का मकसद है उत्तर प्रदेश में विशिष्ट स्थानीय शिल्प व पारंपरिक उत्पादों को संरक्षित कर उन्हें प्रोत्साहन देना। इस योजना की वजह से एक ओर जहाँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय उत्पादों के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार के दरवाजे भी खुलेंगे।

‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के जरिये स्थानीय शिल्प के संरक्षण एवं विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है। इससे आने वाले समय में स्थानीय कला एवं तकनीक का विस्तार होगा और शिल्पकारों तथा कारीगरों की आय में वृद्धि होगी। यही नहीं इस योजना के जरिये बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन पर भी बल दिया जा रहा है।

संरक्षण के अभाव में प्रदेश के कई उत्पादों ने अपनी पहचान खो दी हैं। ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के जरिये उन्हें पुनर्जीवित किया जा सकेगा। इससे स्थानीय उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा व उनसे जुड़े कारीगरों की दक्षता में भी वृद्धि होगी। ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ या ओडीओपी स्कीम के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को पर्यटन से जोड़ना या उन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना भी आसान होगा।

‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के तहत राज्य सरकार ने पांच वर्षो में 2,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के जरिये 25 लाख लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

एक जनपद–एक उत्पाद कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:

स्थानीय शिल्प का संरक्षण और विकास।

आय में वृद्धि एवं स्थानीय रोजगार का सृजन – इससे रोजगार के लिए पलायन में भी कमी आएगी।

उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार और कारीगरों की दक्षता का विकास।

पैकिंग व ब्रांडिंग के द्वारा उत्पादों की गुणवत्ता में बदलाव।

उत्पादों को पर्यटन से जोड़ना।

अगर आप ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं तो आप टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर 1800 1800 888 पर संपर्क कर सकते हैं।

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