वाराणसी: पूर्वांचल के युवाओं के दिन जल्द ही बदलने वाले हैं। जो युवा पढ़ाई के अलावा किसी स्किल में विशेष रुचि रखते हैं और आगे इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, प्रदेश के वाराणसी में देश का पहला कौशल विकास विश्वविद्यालय खुलने जा रहा है।
इस विश्वविद्यालय में कौशल मिशन के तहत तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा तो दी ही जाएगी, इसके अलावा यहाँ इस क्षेत्र में शोध कार्य भी किए जाएंगे। इस विश्वविद्यालय के खुलने से कौशल विकास व रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
वाराणसी में खुलने वाले इस विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए लगभग 30 से 50 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इसके लिए प्रशासन ने पिंडरा में लगभग 100 एकड़ सरकारी जमीन में हिस्सा देने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए जमीन के राजस्व के रिकॉर्ड व अन्य दस्तावेजों के मूल्यांकन का काम भी शुरू हो गया है। उम्मीद है कि मंत्रालय को अगले हफ्ते तक जमीन के सम्बंध में प्रस्ताव बनाकर भेज दिया जाएगा।
निकट भविष्य में खुलने वाले कौशल विकास विश्वविद्यालय में निजी कम्पनियों की मदद से बाजार की मांग के अनुरूप अनुबंध पर पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। कौशल विकास मंत्रालय ने इस सम्बंध में जिला प्रशासन से प्रस्ताव मांगा है।
ऐसा माना जा रहा है कि इस विश्वविद्यालय के जरिये न केवल पूर्वांचल बल्कि यूपी, बिहार और झारखंड सहित आसपास के प्रदेशों के युवाओं को भी अपना भविष्य सँवारने का मौका मिलेगा। फिलहाल देशभर में खुले कौशल विकास केंद्रों के जरिये युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। लेकिन इन युवाओं को प्रशिक्षित करने वाले शिक्षकों के कौशल विकास की व्यवस्था अभी तक कहीं नहीं है। इसी वजह से सरकार ने वाराणसी में कौशल विकास विश्वविद्यालय खोलने का फैसला किया है।