लखीसराय

हरे-भरे वृक्ष को काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

लखीसराय : केंद्र सरकार और राज्य सरकार एक तरफ पर्यावरण के प्रति जागरूक अभियान चला रखा है। शहर से लेकर गांव तक पौधे लगाने का कार्य कर रही है दर्जनों संस्था द्वारा जहां-जहां भी पौधे रोपित किए गए हैं संस्था के सभी सदस्य साप्ताहिक अभियान के तहत पेड़-पौधों की देखरेख कर उनकी रक्षा सुरक्षा हेतु ध्यान रखती है। कोई भी हरा-भरा पेड़ हो उसे बिना अनुमति के काटना कानूनी अपराध है, बावजूद लोगों द्वारा अपने स्वार्थ के चलते पेड़ कट रहे हैं। संस्था ऐसे लोगों पर भी नजर रखती है और शिकायत करती हैं। परन्तु रामपुर गांव मे समदा नहर मार्ग पर पेड़ काटने वाले की शिकायत की गई, कार्रवाई नहीं होने से फिर से ठिकेदार पेड़ काटने की तैयारी में हैं। गाँव वाले कटाई का विरोध कर मांग करती है कि हरे-भरे छायादार पेड़ काटने वालों पर तत्काल कार्रवाई कर पुन: पौधे लगवाए जाए।

गांव हो या शहर, हरे-भरे वृक्षों को काटने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हर तरफ हो हल्ला हो रहा है लेकिन सरकार एवं सरकार के प्रशासन हाथ पर हाथ रखकर चैन से सोई है। एक हरे भरे वृक्ष को काटना किसी मनुष्य की हत्या के बराबर पाप समझा जाता है। समझदारी या ज्ञान विज्ञान के दौर में इस बात को नितांत बचकाना समझा जाने लगा और पोड़ पौधों की अंधाधुंध कटाई होने लगी। इससे हुए नुकसान को अब समझा जाने लगा है और उस गलती को सुधारने के लिए नई नई कोशिशें होने लगी है। पर्यावरणविद सुझाव देने लगे हैं कि हरे वृक्षों की कटाई को हत्या जैसा अपराध घोषित किया जाए।

वृक्षारोपण इसका सबसे आसान और प्रभावशाली तरीका है। एक पेड़ अपने जीवन काल में एक टन कार्बन डाइऑक्साइड को कार्बन और ऑक्सीजन में बदलता है। ये उपाय कार्बन-न्यूट्रल’ बनने का दूसरा चरण पेड पौधों को नष्ट करना जीवहत्या जैसा है अपराध समझा जाए। इसके लिए सरकारी स्तर पर प्रभावी कानून बनाने और उसे सख्ती से लागू करने की बात भी सोची जा रही है। पर उसके इंतजार तक अपराध को होते रहने देने में कोई समझदारी नहीं हैं।

ऐसा ही एक मामला सुर्यगढ़ा प्रखंड के अन्तर्गत रामपुर गांव मे नहर की खुदाई के दौरान स्थानीय सरपंच, मुखिया एवं कुछ दबंगों के द्वारा आम गैर मजरुआ जमीन के आलावे किसानों के निजी जमीन पर लगे सैकड़ो हरे भरे फलदार पेड़ पौधों को काट दिया गया। अन्य क्षेत्रों में भी लोग अपने स्वार्थ के लिए पेड़ काट रहे हैं। इस संदर्भ में गांव के किसान श्री निवास सिंह, विजय कुमार सिंह,चिक्कू कुमार सिंह ने पईन का पुननिर्माण के दौरान ठिकेदार द्वारा जबरन खेतों मे लगे आम, कटहल, ताड़,नारियल के हरे-भरे वृक्षों को काटने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव व रिटेनर,सदस्यों को ज्ञापन सौंपा गया है।

रामपुर गांव के पैक्स अध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं जल संसाधन मंत्री शाह वर्तमान सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के द्वारा सिंचाई व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए रामपुर चंदनपुर एवं अमरपुर गांव में बहराइन नहर से लेकर समदा नहर तक की खुदाई एवं पुनर्निर्माण को लेकर कार्य चल रहा है जिसमें स्थानीय ठेकेदारों द्वारा बिना सोचे समझे निजी जमीन पर लगे किसानों के सैकड़ो हरे भरे व फलदार पेड़ पौधे काट रहे हैं। जिससे पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है आम किसान भी इस से त्राहिमाम है जिला प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं है।

रामपुर गांव के श्रीनिवास सिंह ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा सिंचाई व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए बहराइन पाइन से लेकर समदा हल्के से लेकर चंदनपुर अमरपुर में नेहरू का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। जिसमें स्थानीय ठेकेदारों एवं कुछ दबंग प्रवृत्ति के लोगों के द्वारा किसानों के निजी जमीन पर लगे हरे-भरे फलदार पेड़ों को जबरन काटा गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के रिटेनर कुमारी बबीता ने बताया कि सुर्यगढ़ा प्रखंड के अन्तर्गत रामपुर ग्राम पंचायत से चंदनपुर एवं अमरपुर में सिंचाई व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा नहरों का निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें ठिकेदार द्वारा किन परिस्थितियों में निजी लोगों के हरे भरे व फलदार पेड़ पौधे को काट रहे हैं। हमारे यहाँ जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय में गांव वालों की वृक्ष काटने वाले के खिलाफ शिकायत की गई।इस संदर्भ में कार्रवाई करने के लिए पहल शुरू हो गया है।

अब देखना यह है की स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा जिला प्रशासन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय में शिकायत करने के बाद हरे-भरे व फलदार वृक्षों को काटे जाने वालों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई होती है।

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