पटना: अप्रैल महीने की शुरुआत में जहां बिहारवासी तेज धूप और झुलसाने वाली गर्मी से परेशान थे, वहीं अब महीने के दूसरे सप्ताह में मौसम ने अचानक करवट ली है। तेज आंधी और बेमौसम बारिश ने लोगों को गर्मी से तो राहत दी है, लेकिन इसका खामियाज़ा राज्य के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। रबी की फसलें, जो अब लगभग पक चुकी थीं, तेज हवाओं और बारिश की वजह से बिछने लगी हैं। इससे किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की आशंका है।
पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने पहले 13 अप्रैल तक ही हल्की बारिश की संभावना जताई थी, लेकिन अब इस पूर्वानुमान को बढ़ाकर 19 अप्रैल तक कर दिया गया है। मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान राज्य के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश, गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं। हवा की गति 30 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहने का अनुमान है, जबकि अधिकतम तापमान 34 से 38 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 20 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रह सकता है।
इस बीच मौसम वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि 16 अप्रैल से एक नया पश्चिमी विक्षोभ विकसित हो रहा है, जिसका असर पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के साथ-साथ बिहार पर भी पड़ेगा। इस विक्षोभ के कारण 15 से 17 अप्रैल के बीच मौसम और अधिक बिगड़ सकता है।
सोमवार को जारी मौसम रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 38 में से छह जिलों—बक्सर, कैमूर, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद और अरवल—में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है। वहीं, राज्य के पूर्वी और मध्य भागों के जिलों में एक-दो स्थानों पर मेघगर्जन, वज्रपात और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। इन स्थितियों को देखते हुए मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया है। राजधानी पटना में भी सोमवार सुबह से ही बादल छाए रहे और वातावरण में उमस बनी रही।
बदलते मौसम को देखते हुए पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने ‘नाउकास्ट’ सेवा की शुरुआत की है, जिसके तहत अब किसी भी ब्लॉक स्तर पर अगले तीन से चार घंटे में बारिश, आंधी या वज्रपात की सटीक जानकारी दी जा सकती है। पहले यह सेवा केवल जिला स्तर पर उपलब्ध थी। सोमवार दोपहर 12:30 बजे तक नाउकास्ट के अंतर्गत राज्य के कई ब्लॉकों—जैसे दिघवारा, छपरा, गरखा, दरियापुर, परसा, नगरा, मरहौरा, सोनपुर, भगवानपुर, सकरा, ललगंज, गायघाट, वैशाली, कुडहानी, पतेरी बेलसर, कांटी, मीनापुर, परू, मशरख, पनापुर, और बरूराज (मोतीपुर) सहित दर्जनों क्षेत्रों—में गरज-चमक, वज्रपात और बारिश की संभावना जताई गई है। इन क्षेत्रों में संबंधित प्रशासन को आवश्यक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
15 अप्रैल को उत्तर-पूर्व बिहार के जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यहां तेज बारिश, आंधी और बिजली गिरने की अधिक संभावना है। वहीं मध्य और दक्षिण-पूर्व बिहार में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां हवा की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। 16 अप्रैल को उत्तर-पूर्व और उत्तर-मध्य बिहार में फिर से ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है, जबकि उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी है। 17 अप्रैल को भी उत्तर और दक्षिण-पूर्व बिहार में येलो अलर्ट रहेगा। इस दिन भी एक-दो स्थानों पर तेज हवाएं, बिजली गिरने और आंधी की आशंका जताई गई है।
इस बेमौसम मौसम बदलाव का सीधा असर राज्य के कृषि पर पड़ा है। गेहूं, चना और मसूर जैसी फसलें जो अब तैयार होकर कटने को थीं, वे तेज हवाओं की वजह से खेतों में गिरने लगी हैं। कई किसानों ने अपने खेतों में पानी भरने की भी शिकायत की है। रबी फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए किसान संगठनों ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि आपदा राहत कोष से प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा दिया जाए।
फिलहाल राज्यभर में मौसम को लेकर चिंता का माहौल है। जहां एक ओर आम लोग गर्मी से मिली राहत के लिए शुक्रगुजार हैं, वहीं दूसरी ओर किसान चिंता में डूबे हुए हैं। मौसम के इस अचानक बदले मिजाज ने फसलों के साथ-साथ आर्थिक स्थिरता पर भी प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। अब सबकी निगाहें आने वाले दिनों में मौसम के रुख पर टिकी हैं।