लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट लेने को तैयार है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के अनुसार, 18 से 20 अप्रैल तक राज्य के कई हिस्सों में आंधी, बारिश, ओलावृष्टि और वज्रपात की आशंका जताई गई है। इसके चलते राज्य के किसानों के लिए खास सतर्कता और परामर्श जारी किया गया है, ताकि फसलों और जान-माल की हानि को कम किया जा सके।
इसी कड़ी में कृषि विभाग और मौसम विभाग की संयुक्त पहल पर गठित क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता डॉ. संजीव कुमार, उपमहानिदेशक, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद ने की। बैठक में आगामी मौसम की स्थिति का विश्लेषण करते हुए किसानों को खेतों और फसलों की देखरेख के लिए विशेष सलाह दी गई।
आने वाले सप्ताह का तापमान पूर्वानुमान (17-24 अप्रैल 2025)
उत्तर प्रदेश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 35 से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। भाभर तराई और पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों के उत्तरी हिस्सों में तापमान 35–37 डिग्री, जबकि बुंदेलखंड और दक्षिणी-पश्चिमी अर्द्धशुष्क इलाकों में तापमान 39–41 डिग्री तक पहुंच सकता है।
फसलों और खेती को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव
डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि जिन किसानों के पास गोबर की खाद उपलब्ध नहीं है, वे नाइट्रोजन (20 किग्रा प्रति हेक्टेयर) या ट्राइकोडर्मा (5 किग्रा प्रति हेक्टेयर) को मिट्टी में मिलाकर खेत की उर्वरता बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा धान की खेती के लिए ढैंचा की तत्काल बुवाई करने की सलाह दी गई है, ताकि हरी खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। गर्मी के प्रभाव को देखते हुए उर्द, मूंग, गन्ना, आम और लीची की खेती कर रहे किसानों को समय पर सिंचाई करने की सलाह दी गई है। विशेषकर दोपहर की तेज़ गर्मी में पौधों को पानी देना जरूरी होगा ताकि सूखे का असर कम हो।
महत्वपूर्ण कृषि सलाह और चेतावनियाँ
मौसम की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए किसानों को कहा गया है कि वे नियमित रूप से मौसम पूर्वानुमान और चेतावनियों पर ध्यान दें। ओलावृष्टि, तेज़ हवाओं और वज्रपात के दौरान खेतों में काम करने से बचें।
जिन क्षेत्रों में खेत खाली हैं वहां गहरी जुताई, मेड़ों की सफाई और लेजर लेवलिंग के माध्यम से भूमि को समतल करने का कार्य किया जाए। गेहूं की कटाई और थ्रेसिंग का कार्य शीघ्र करें, क्योंकि फिलहाल मौसम साफ और अनुकूल है।
यदि गेहूं की कटाई के बाद गन्ने की बुआई करनी हो, तो खेत में सिंचाई कर ओट आने के बाद बीज गन्ने की बुवाई करें। बीज गन्ने को रातभर पानी में भिगोकर, दो-तीन आंखों वाले टुकड़े तैयार कर 60 सेमी की दूरी पर इथरेल घोल से उपचारित करें।
सब्जियों और फलों में रोग नियंत्रण की सलाह
सब्जियों में उकठा रोग की संभावना को देखते हुए कार्बेन्डाजिम का छिड़काव करने की सलाह दी गई है। भिंडी में पीत शिरा मोजैक वायरस से बचाव हेतु पीले पत्तों को हटाकर नीला चिपचिपा ट्रैप लगाएं और इमिडाक्लोप्रिड का स्प्रे करें। आम के भुनुगा कीट और गुम्मा रोग के नियंत्रण के लिए प्रभावित बौर को काटकर नष्ट करें तथा उपयुक्त कीटनाशकों का छिड़काव करें। आम और अमरूद में फलमक्खी से बचाव के लिए मिथाइल यूजिनाल ट्रैप और नीम आधारित स्प्रे का प्रयोग करें।
पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए सुझाव
पशुओं को गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारियों HS और BQ से बचाने के लिए निःशुल्क टीकाकरण पशु चिकित्सालयों पर जारी है। वहीं मत्स्य पालन के लिए किसानों को नए तालाबों के निर्माण व पुराने तालाबों के सुधार की सलाह दी गई है। इस समय कॉमन कार्प प्रजाति का मत्स्य बीज तालाब में डाला जाना उपयुक्त माना गया है।