कृषि पिटारा

क्या है मल्टीलेयर फार्मिंग? किसानों के लिए यह क्यों है फायदेमंद?

नई दिल्ली: मल्टीलेयर फार्मिंग कृषि क्षेत्र में एक नई और उन्नत खेती की तकनीक है। यह तकनीक कृषि के क्षेत्र में अधिक उत्पादकता और आर्थिक लाभ कमाने के लिए बहुस्तरीय खेती का एक प्रकार है, जिसमें एक ही खेत में कई फसलों की खेती की जाती है। मल्टीलेयर फार्मिंग के तहत, एक साथ कई फसलों की खेती की जाती है, जिससे कीट-पतगों का प्रबंधन सुचारू रूप से किया जा सकता है।

मल्टीलेयर फ़ार्मिंग, खेती के पारंपरिक तरीकों की तुलना में कीट-पतगों की बड़ी संख्या को कम करता है। एक ही खेत में कई फसलों की खेती से खर्च में कमी होती है, क्योंकि एक ही खेत पर कई फसलों के लिए केवल एक बार खाद-उर्वरक की आवश्यकता होती है और खर्च साझा होता है। मल्टीलेयर फार्मिंग से एक ही खेत से अधिक फसलों का उत्पादन होता है, जिससे किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इस विधि से पत्तेदार सब्जियां जैसे-मेंथी, पालक, चौलाई आदि की खेती की जा सकती है, जिसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है। इससे किसानों को सुचारु रूप से आय प्राप्त होती रहती है। किसान चाहें तो खरीफ सीजन के लिये भी ढांचा बनाकर बेलवाली सब्जियों की मल्टीलेयर फार्मिंग कर सकते हैं, जिसके तहत कुंदरू, करेला, परवल, पड़ौरा की फसलें एक साथ लगाई जा सकती हैं। यह विधि उनके लिए काफी फायदे वाली साबित हो सकती है।

इस तकनीक के साथ सभी भूमि क्षेत्र में सब्जियों और फसलों को उगाया जाता है, जिससे खरपतवारों के उगने की समस्या को कम किया जा सकता है। मल्टीलेयर फार्मिंग की तकनीक के अनुसार सभी कृषि कार्य एक साथ किए जा सकते हैं, जिससे श्रम और समय की बचत होती है। इस तकनीक में कम से कम पानी का उपयोग होता है, जिससे पानी की बचत होती है, जो विशेष रूप से सूखे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है। मल्टीलेयर फार्मिंग को किसानों के लिए एक प्रोत्साहक तकनीक के रूप में देखा जा रहा है, जिससे उन्हें अधिक आय और उत्पादकता मिलती है। यह तकनीक विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए उपयोग की जा सकती है और खरीफ और रबी सीजन दोनों के लिए उपयोगी है।

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