चंडीगढ़: लंबे समय के इंतजार के बाद हरियाणा में भी बारिश हुई है, लेकिन इस बरसात के साथ ही कई हिस्सों में ओलावृष्टि की भी खबर है, जिससे गेहूं और सरसों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। कृषि विभाग के मुताबिक, यमुनानगर और अंबाला जिलों में अच्छी बारिश हुई है, लेकिन इसके साथ ही ओलावृष्टि ने किसानों को संकट में डाल दिया है।
यमुनानगर में 31 जनवरी को सुबह 8 बजे से 1 फरवरी को सुबह 8 बजे तक हुई। बारिश के बारे में कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, यहां के जगाधरी तहसील क्षेत्र में 32 मिमी बारिश हुई। इसी तरह, छछरौली तहसील क्षेत्र में लगभग 11 मिमी और बिलासपुर में 8 मिमी बारिश हुई है। जबकि, सरस्वती नगर में 7 मिमी, प्रताप नगर में 7 मिमी, रादौर में 4 मिमी और साढौरा तहसील क्षेत्र में 3 मिमी बारिश हुई।
हालांकि, इस बारिश ने राज्य के कई जिलों में किसानों को फायदा पहुंचाया है, लेकिन कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि के कारण गेहूं, सरसों, आलू और अन्य फसलों को नुकसान होने की संभावना है। भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष संजू गुंदियाना ने कहा कि किसानों को सरकार से मुआवजा प्रदान किया जाना चाहिए और सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए ताकि प्रभावित किसानों को सहारा मिल सके।
काफी किसानों ने मुआवजे की मांग करते हुए कहा है कि सरकार को किसानों को 50 हजार रुपये मुआवजा देना चाहिए। अंबाला जिले में भी ओलावृष्टि के साथ बारिश ने किसानों को चिंतित कर दिया है। अंबाला के सुल्लर, फतेहगढ़, घडोली, करासन, पथरेरी और अन्य इलाकों में ओलावृष्टि की सूचना है। किसान नेता तेजवीर सिंह ने कहा कि इस समय ओलावृष्टि और भारी बारिश से फसलों पर असर पड़ेगा और अगर मौसम खराब रहा तो इससे किसानों को भारी नुकसान होगा।
कृषि विभाग के उप निदेशक जसविंदर सिंह ने कहा कि भारी ओलावृष्टि की सूचना मिली है, खासकर शहजादपुर ब्लॉक के कुछ गांवों और आसपास के इलाकों में ओलावृष्टि से फसलों का बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है। हमारी ओर से स्थिति का जायजा लिया जा रहा है। वहीं, किसानों का कहना है कि प्रदेश में काफी समय से मौसम शुष्क था और उन्होंने बारिश का लंबे समय से इंतजार किया था, लेकिन ओलावृष्टि ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इससे फसल को बहुत अधिक नुकसान हुआ है और ऐसे में सरकार से मुआवजा मांगा जा रहा है।