कृषि पिटारा

इन राज्यों में गेहूं की खरीद में तेजी आने की उम्मीद

चंडीगढ़: पंजाब में मौसम की मार का असर अब गेहूं की सरकारी खरीद पर दिखने लगा है। 13 अप्रैल तक हरियाणा में केवल 4.34 लाख टन गेहूं की खरीद हो पाई है। पंजाब में यह आंकड़ा 3.52 लाख टन है। उम्मीद की जा रही है कि वैसाखी के बाद गेहूं खरीद में तेजी देखने को मिलेगी। इसी तरह मध्य प्रदेश में 14 अप्रैल तक 23.27 लाख टन गेहूं की खरीद हो पाई है। कृषि विशेषज्ञ इसे एक संतोषजनक आंकड़ा मान रहे हैं। यहां पर 15 मार्च से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हुई थी।

खास बात यह है कि पंजाब- हरियाणा की तरह मध्य प्रदेश में भी गेहूं खरीद के नियमों में ढील दी गई है। यहां 10 प्रतिशत तक चमक प्रभावित गेहूं की एमएसपी पर खरीदने की अनुमति है। यानि की 10 फीसदी तक चमक प्रभावित गेहूं को भी एमएसपी पर ही खरीदा जा रहा है। किसानों को 2,125 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है। वहीं, 10 से 80 प्रतिशत तक चमक प्रभावित गेहूं की खरीद में 5.31 रुपये प्रति क्विंटल की दर से एमएसपी में कटौती की जा रही है। इसका मतलब यह हुआ कि एक क्विंटल के बदले किसानों को 2,119.69 रुपये का भुगतान किया जा रहा है।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 31 मार्च को गेहूं खरीद के नियमों ढील देने का ऐलान किया था। इसके बाद एमपी में क्रय केंद्रों पर गेहूं की आवक बढ़ गई थी। इस साल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से रबी फसल की सबसे ज्यादा बर्बादी हुई है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यो में लाखों हेक्टेयर में लगी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। वहीं, खेतो में बारिश का पानी भर जाने की वजह से जमीन में नमी आ गई। ऐसे में गेहूं की कटाई में देरी होना स्वाभाविक था। एक अनुमान के मुताबिक़ इस बार पंजाब और हरियाणा में गेहूं की खरीद क्रमश: 132 लाख टन और 75 लाख टन हो सकती है।

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