कृषि पिटारा

रबी सीजन में गेहूं की बुवाई ने बनाया नया रिकॉर्ड, उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद

नई दिल्ली: रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई ने इस साल एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार, 31 जनवरी तक देश में 324.88 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की गई, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 6.55 लाख हेक्टेयर अधिक है। यह वृद्धि गेहूं के उत्पादन में बढ़ोतरी का संकेत देती है, जिससे कीमतों को लेकर जो चिंता बनी हुई थी, वह भी कम हो सकती है। देश में गेहूं का सामान्य रकबा 312.35 लाख हेक्टेयर ही था, इस हिसाब से मौजूदा रकबा काफी अच्छा माना जा रहा है।

हालांकि, मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि बुवाई का फाइनल आंकड़ा अभी सामने नहीं आया है। पिछले तीन वर्षों से देश में गेहूं का दाम उसकी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक रहा है, जिस वजह से किसानों ने गेहूं की बुवाई में बढ़ोतरी की है। सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं का MSP 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि इसकी औसत उत्पादन लागत 1182 रुपये प्रति क्विंटल है।

2023-24 में गेहूं का फाइनल आंकड़ा और उत्पादन
कृषि मंत्रालय के अनुसार, 2023-24 में गेहूं की बुवाई का फाइनल आंकड़ा 341.57 लाख हेक्टेयर था, जिससे 1132.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में जब गेहूं की बुवाई का फाइनल आंकड़ा सामने आएगा, तो पिछले साल का रिकॉर्ड टूट सकता है।

इस वक्त, देश में गेहूं का औसत दाम 2955 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है, जो 2024-25 के लिए तय MSP से 680 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है।

रबी फसलों की कुल बुवाई में भी बढ़ोतरी
रबी सीजन की कुल बुवाई क्षेत्र 31 जनवरी तक 661.03 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले साल की इसी अवधि तक 651.42 लाख हेक्टेयर था। यह दर्शाता है कि देश में रबी फसलों की बुवाई में भी बढ़ोतरी हुई है।

दलहन फसलों में बुवाई में वृद्धि
देश में दलहन फसलों की बुवाई में भी बढ़ोतरी देखी गई है। 31 जनवरी तक दलहन फसलों की बुवाई 140.89 लाख हेक्टेयर में हुई, जो 2023-24 की तुलना में 3.09 लाख हेक्टेयर अधिक है। चने की बुवाई में खासतौर पर वृद्धि हुई है, जो अब तक 98.55 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है।

तिलहन फसलों की बुवाई में कमी
इस सीजन में तिलहन फसलों की बुवाई में कमी आई है। 31 जनवरी तक 97.47 लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलें बोई गईं, जो पिछले साल की इसी अवधि से 1.76 लाख हेक्टेयर कम है। इसके अलावा, सरसों की बुवाई भी 2.53 लाख हेक्टेयर कम हुई है।

मक्के की बुवाई में वृद्धि
मक्के की बुवाई में इस साल बढ़ोतरी हुई है, जो 23.67 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुकी है, जो पिछले साल से 1.92 लाख हेक्टेयर अधिक है। इथेनॉल उत्पादन और पोल्ट्री फीड के लिए मक्के की बढ़ती मांग के कारण इसके रकबे में और वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।


कुल मिलाकर, इस साल रबी फसलों के क्षेत्र में बढ़ोतरी का रुख दिख रहा है, खासकर गेहूं और दलहन फसलों में। गेहूं के उत्पादन में भी उम्मीद है कि पिछले रिकॉर्ड टूटेंगे, जिससे किसानों को अच्छे उत्पादन का फायदा मिलेगा और बाजार में कीमतों पर दबाव कम हो सकता है।

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