नई दिल्ली: टमाटर का उपयोग हमारे देश के विभिन्न व्यंजनों में होता है। इस लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण फसल है, जिसकी मांग बाजार में साल भर रहती है। भारत के कई राज्यों में टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, जैसे कि राजस्थान, कर्नाटक, बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र। टमाटर की फसल औसतन 150 दिनों में तैयार हो जाती है। बाजार में इसके भाव उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरते रहते हैं, लेकिन इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।
अगर आप सितंबर महीने में टमाटर की खेती शुरू करना चाहते हैं तो आपको इन पांच उन्नत क़िस्मों के बारे में ज़रूर जानना चाहिए, इनसे आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इन उन्नत किस्मों में पूसा गौरव, अर्का विशेष, अर्का अभेद, अर्का मेघली, और अर्का रक्षक शामिल हैं। इन किस्मों की खेती करके आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
पूसा गौरव:
– इस किस्म के टमाटर चिकने और मध्यम आकार के होते हैं।
– इनके फलों का छिलका मोटा होता है, जिससे इन्हें दूर बाजारों में बिक्री के लिए भेजना आसान होता है।
– इस किस्म को सितंबर के महीने में उगाया जाता है और इसकी औसत पैदावार 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।
अर्का विशेष :
– इस किस्म के टमाटर का उपयोग प्यूरी, पेस्ट, केचअप और सॉस बनाने के लिए किया जाता है।
– इस किस्म से किसान 750 से 800 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन ले सकते हैं।
– इसके एक फल का वजन 70 से 75 ग्राम का होता है।
अर्का अभेद:
– ये टमाटर की एक हाइब्रिड किस्म है।
– इसका एक फल 90-100 ग्राम का होता है।
– टमाटर की इस किस्म की खेती से किसान प्रति हेक्टेयर 70 से 75 टन की उपज ले सकते हैं।
– इस किस्म की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है।
अर्का मेघली:
– टमाटर की इस किस्म की उत्पादन क्षमता तकरीबन 18 टन प्रति हेक्टेयर है।
– इसके फल मध्यम आकार के होते हैं और उनका वजन 65 ग्राम होता है।
– टमाटर की ये किस्म 125 दिनों में तैयार हो जाती है और सितंबर महीने के लिए उपयुक्त है।
अर्का रक्षक:
– यह एक उच्च उपज वाली संकर किस्म है, जो टमाटर के तीन प्रमुख रोगों, पत्ती मोड़क विषाणु, जीवाणु झुलसा और अगेती धब्बे की प्रतिरोधी है।
– इस किस्म की खेती करने में प्रति हेक्टेयर 75 से 80 टन की उपज मिलती है।
इन उन्नत किस्मों की खेती करने से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।