कृषि पिटारा

मराठवाड़ी भैंस को पाल कर आप डेयरी व्यवसाय से कमा सकते हैं अधिक मुनाफा

मुंबई: दुनिया भर में दूध की मांग का बढ़ना लोगों के लिए आमदनी का एक नया दरवाजा खोल रहा है। अगर आप भी डेयरी व्यवसाय की शुरुआत करना चाहते हैं तो इसमें एक खास नस्ल की भैंस आपको अधिक मुनाफा कमाने में मदद कर सकती है। यह एक प्राचीन नस्ल की भैंस है, जिसे ‘मराठवाड़ी भैंस’ कहा जाता है।  इस भैंस की दूध उत्पादन क्षमता और आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होने के कारण  इसे एक लाभकारी विकल्प बना रहा है।

मराठवाड़ी भैंस को ‘डेयरी फार्मिंग का एक सशक्त माध्यम’ बताया जा रहा है, क्योंकि इसका दूध विभिन्न डेयरी उत्पादों के लिए आदर्श माना जाता है। इस भैंस की दूध उत्पादन क्षमता 300 से 400 लीटर के बीच होती है, जबकि यह एक ब्यांत में यह 1200 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है।

अब अगर मराठवाड़ी भैंस की कुछ प्रमुख विशेषताओं की बात की जाए तो इसे संतुलित आहार प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन की सही मात्रा हो। इस भैंस का दूध वसा और प्रोटीन से भरपूर होता है, जिससे डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता बनी रहती है।

वहीं, इसकी देखभाल के तौर पर इसे स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में रखना चाहिए ताकि इसका दूध स्वस्थ और उच्च गुणवत्ता में रहे। नियमित टीकाकरण के माध्यम से इसे बीमारियों से बचाए जा सकता है, जो इसकी उत्पादन क्षमता को बनाए रखने में मदद करता है। यह भैंस महाराष्ट्र के कुछ जिलों में पाई जाती है, जैसे – बीड, परभणी, जालना, नांदेड़, लातूर और उस्मानाबाद इत्यादि। मराठवाड़ी भैंस के पालने से पशुपालकों को न केवल दूध का प्रमुख वितरक बनाया जा सकता है, बल्कि यह आय का एक नया स्रोत भी प्रदान कर सकता है। आजकल के पशुपालक इसे डेयरी फार्मिंग का एक सुरक्षित और लाभकारी माध्यम मान रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है और डेयरी उत्पादों की विनिर्माण क्षमता में भी बढ़ोतरी हो रही है। यही नहीं, यहआत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर तैयार हो रहे हैं।

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